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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Fri, 04 May 2018 04:24 PM IST



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मनी लांड्रिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। जेल में बंद एनसीपी नेता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। 
 
71 वर्षीय भुजबल ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जमानत की अर्जी दाखिल की थी। इस प्रावधान को ऐक्ट से हटाए जाने के बाद कानून के तहत जेल में बंद लोगों को जमानत मिलना अब आसान हो गया है।

भुजबल के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत में तर्क देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 45 को हटा दिया है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इस सेक्शन के तहत यह प्रावधान था कि आरोपी को ही यह साबित करना पड़ता था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं है।

 भुजबल को ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया था। भुजबल को अब जाकर कोर्ट से राहत मिली है।

 

 


मनी लांड्रिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। जेल में बंद एनसीपी नेता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। 


 
71 वर्षीय भुजबल ने पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जमानत की अर्जी दाखिल की थी। इस प्रावधान को ऐक्ट से हटाए जाने के बाद कानून के तहत जेल में बंद लोगों को जमानत मिलना अब आसान हो गया है।

भुजबल के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत में तर्क देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के सेक्शन 45 को हटा दिया है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। इस सेक्शन के तहत यह प्रावधान था कि आरोपी को ही यह साबित करना पड़ता था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं है।

 भुजबल को ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया था। भुजबल को अब जाकर कोर्ट से राहत मिली है।

 


 




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